गुम चोट
खुला घाव होता तो दिखा भी देते
खून रिसता होता, तो बता भी देते
अब क्या शिकायत करें किसी से
जब अपनों ने दी हो, सिर्फ गुम चोट |
अपने आंसु की वजह क्या बताएं अब
उतरे चेहरे का सबब क्या समझाएं तुम्हे
पढ़ सको तो पढ़ लो तुम ही
हमारी ख़ामोशी में है एक गुम चोट |
RESTLESS
4 comments:
Nice.. Crisp and Brief...and yet effective!
Restless,
KUCHH KEH SAKTE TO KAHTE,
PER AAPNE KAHNE KO KUCHH NAHIN CHHODA,
SAB KUCHH TO AAP HI KEH GAYE,
KAR KE THODA THODA
Take care
kyun aisa likha ??? Oh accha accha...so that I read it fatafat se and atleast put up a chotu sa comment ??? hai na ?? :)
Excellent post indeed.Nice thoughts ..
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