फिरकियाँ
कौन हूँ मैं? कौन हूँ मैं आखिर?
क्यूँ हूँ मैं यहाँ?
इन लोगों के बीच, जिसे -
वे परिवार कहते हैं, कुटुंब कहते हैं
रिश्ते नाते कहते हैं, सगे सम्बन्धी कहते हैं.
मेरी ज़िन्दगी से जुड़े
या फिर कहूँ कि
मुझे अपनी ज़िन्दगी से जोड़े
वो तमाम लोग
मेरे आसपास घूमती अनंत फिरकियों से हैं.
कोई अपनी सरसराती आवाज़ से डराती,
कोई डगमगाती, कभी मेरी ओर झुकती और
कभी दूसरी ओर.
कोई मेरे आस पास चक्कर लगाती,
कुछ मुझ पर अपना स्वामित्व जताती,
कुछ अपना स्नेह बिखरती
मुझे अपने घेरे के मध्य बिंदु में रखती सी हैं.
कोई स्फूर्ति से, सटीक उछालों में चलती
जीवंत फिरकी
बता जाती कि,
जीवन आगे बढ़ने का नाम है.
तो कोई अपनी ही धुरी पर जीवन पर्यंत घूमती
निष्प्राण
केवल जीने के लिए जीती सी.
जगह बदलती फिरकियाँ
टकराती आपस में, फिर भी
आगे बढ़ती फिरकियाँ,
उछल उछल कर जैसे
अपनी ज़मीन टटोलती फिरकियाँ,
घूम-घूम कर गोल-गोल ये
ज़मीन पर स्वामित्व जताती फिरकियाँ.
मेरे आसपास सरसराहट हैं
हवा का वेग हैं, सुगंध भी है.
कडवापन भी है
अधिकार भी है, तिरस्कार भी है
आवाजें हैं, गंध है, भावनाएं हैं
कुछ टूटी सी आशाएं हैं,
उन लोगों की
जो कहलाते हैं -
रिश्ते, नाते, सगे सम्बन्धी
जान पहचान और साथी दोस्त.
पर फिर भी नहीं समझ पाई हूँ अब तक
मैं कौन हूँ?
क्यूँ हूँ यहाँ?
इन सब के बीच
इन सब से दूर
इन सब से जुडी हूँ मैं
या मुझे जोड़े हैं यह सब.
यह अनंत फिरकियों का संसार हैं
अगणित फिरकियों का कारोबार हैं
ये जीवन.
- RESTLESS
10 comments:
hello Restless,
Sahi hai yeh jeevan ek phirki hai, ghoomthi rehti hai aur aagey badthi hai- kabhi kisi se naatha jodthi hai, tho kabhi kisi se naatha todthi hai...kabhi hum kisi se jud jaatey hai, kabhi koi hamsey judt jaatha hai - jeena isi ka naam hai.
I like it. very nice.
Have a good day.
Cheers
Always Happy
मेरे आसपास सरसराहट हैं
हवा का वेग हैं, सुगंध भी है.
कडवापन भी है
अधिकार भी है, तिरस्कार भी है
आवाजें हैं, गंध है, भावनाएं हैं
कुछ टूटी सी आशाएं हैं.
बखूबी बयां किया है दिल की कशमकश को..
kudos!
देखा जाए तो पूरे ब्रह्माण्ड के मानचित्र पर हम केवल एक छोटे से बिंदु के समान हैं, परन्तु इस बिंदु पर केंद्रित और चारों ओर घूमता इसका अपना छोटा सा इक ब्रह्माण्ड भी है. और ब्रह्माण्ड की ही भांती हम भी किसी और सूर्या की किसी कक्षा के एक इकाई मात्र हैं. कुछ ऐसा ही है जीवन, सब एक दुसरे के लिए और एक दुसरे के आगे पीछे घूम रहे हैं.
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मुझे आज भी याद है मेरी नानीजी मुझे कहानियां सुनाया करती थी, उनका अर्थ कभी नहीं समझ पाया था में| अब पता चल रहा है उन कहानियों व कविताओ का मतलब क्या था|
इस पोस्ट ने मुझे याद दिलाया कि मुझे आज नानीजी से मिलने भी जाना है| :P
अच्छा पोस्ट था|
I am yet to learn Hindi. Used google translator and here is what I got....
Who am I? After all who am I?
Why am I here?
Among these people, that -
They say family, family says
As relations, says relatives relatives say.
Related to my life
Or say that
I added to my life
That all people
Firkioan revolves around me are endless.
To voice their Sarsaratie a scare,
No Dgmagati, and sometimes at me Jhukati
On the other hand sometimes.
Apply a detour around me,
Jtti me some of your ownership,
Some Bikhrti your affection
I keep my circle C in the mid-point.
No pep, precise Uchhaaloan moving in
Lively spin
Are told that
Life is the name of moving forward.
No life on its own axis moves Parhynt
Dead
Only to live lives C.
Changing place Firkiaँ
Collide with each other, yet
Firkiaँ moves,
Bouncing bouncing like to
Firkiaँ Otoalti their land,
Move - to move goals - goals that
On land owned Firkiaँ Jtti.
Rustle around me are
Velocity of air, the fragrance, too.
Kadwopan is
Rights, the contempt is
Voices, the smell, the emotions
Some hopes are broken C,
Those
Which are called -
Relationships, Being, relatives relatives
Learn to identify and fellow man.
But still do not understand yet
Who am I?
Why am here?
Among all
Away from all
I am related to all
Or I added it all.
It is a world of infinite Firkioan
Firkioan are countless business
These life.
:)
Always happy - am so happy u cud relate to it dear:) thanks :)
Varhsa - thanks a ton dear! I was apprehensive about posting a hindi poem, that too a serious one... but ur words really encouraged me. thanks.
BA- bahut khoobsoorti se likha hai tumne, sach mein! zaroor, as i said, i was hesitant... this is truely encouraging :)
RESTLESS
Premkumar - haha! this was hilarious!! didn't know the translation can be so so bad!! I think I will be writing a translation of my hindi poems myself. thanks for making me realise this :)
RESTLESS
Bahut difficult hai!
But itne saare log bol rahe hain toh accha hi hoga! :P :)
Restless,
I do not think words will be enough to appreciate this. A very true picture. The world is a stage where we all come play our part and go.
Take care
Niket - oh dear, next time I will write an english tranlation, pref in poetry form, for my hindi poems.
Jack - am so glad that u liked it :) thanks.
RESTLESS
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